ममता, प्रेम , दया, छमा, करुणा, आज सब बेकार है। उस अहसास की चिता को तुम आज आग दो, कि ममता, प्रेम , दया, छमा, करुणा, आज सब बेकार है। उस अहसास की चिता को तुम आज आग ...
मजबूर आदमी हैं हम यहां मजबूरी में ही हमे जीना पड़ता है। मजबूर आदमी हैं हम यहां मजबूरी में ही हमे जीना पड़ता है।
किस्मत तो मौका देती है। पर मेहनत तो चौंका देती है। किस्मत तो मौका देती है। पर मेहनत तो चौंका देती है।
हम कुछ कर न सकें तो भी कोई बात नहीं दिल को रखें साफ इससे बढ़कर कोई बात नहीं, साफ़ मन क हम कुछ कर न सकें तो भी कोई बात नहीं दिल को रखें साफ इससे बढ़कर कोई बात नहीं, ...
कौन दुख दे सकता है तुझे, मुझे या उसे किसी और के नहीं ये सब खुद ही के सताए हैं कौन दुख दे सकता है तुझे, मुझे या उसे किसी और के नहीं ये सब खुद ही के सताए...
अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है। अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है।