आज सब बेकार है मजबूरी चमचागिरी भ्रष्ट व्यवस्था ईमानदार कोई नहीं मेहनत चौंका देती है सफल हो गयी है रिश्ते वक्त बेकार परेशान कमी

Hindi मेहनत बेकार है Poems